एक तेजस्वी यूरोपीय किशोर आत्म-आनंद में लिप्त है। वह कुशलता से अपने खिलौने को नेविगेट करती है, परमानंद की लहरों को प्रज्वलित करती है। उसकी उंगलियां उसकी भगनासा पर नृत्य करती हैं, जो एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष में समाप्त होती है। हर फ्रेम में अनफ़िल्टर्ड जुनून।